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आईलैंड की रहस्यमयी मूर्तियों की कहानी :-
हमारी दुनिया कई रहस्यमयी जगहों से भरी हैं जिनकी सच्चाई का पता लगाना कोई आसान काम नहीं हैंआज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी ही रहस्यमय जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी अनोखी मूर्तियों के लिए जानी जाती हैं। हम बात कर रहे हैं, हमारी धरती पर मौजूद एक ऐसी रहस्यमयी द्वीप “ईस्टर आइलैंड” के बारे में, जो की दक्षिण अमेरिका में एंडीज पर्वत और प्रशांत महासागर के बीच स्थित देश “चिली” में स्थित है। यहां करीब 900 रहस्यमय मूर्तियाँ हैं, जो आज भी रहस्य बनी हुई हैं। यहाँ की रहस्यमयी मूर्तियों की नजर समुन्द्र पर टिकी है, और पूरी दुनिया की नजर इन मूर्तियों पर।
इस टापू की खोज साल 1722 में डच एडमिरल याकूब रोगेवीन ने की थी। उस दौरान जब वे अपने तीन जहाजों के साथ इस टापू के नजदीक पहुंचे तो उनके दल को दूर से बहुत सारी ऊंची-ऊंची इंसानी आकृति दिखाई पड़ी। रोगेवीन और उनका दल जब जहाज से उतरकर टापू पर पहुंचा, तो उन्हें पत्थरों से बनी कई विशाल मूर्तियां देखने को मिलीं।
ये द्वीप चिली देश से 2300 मिल दूर पैसेफिक महासागर में मौजूद है। ये द्वीप काफी छोटा है और इसका क्षेत्र मजह 63 मील है। लेकिन इस छोटे से द्वीप पर सबसे हैरान कर देने वाला अगर कुछ है तो वो है यहाँ मौजूद 887 मूर्तियाँ।इस आइलैंड पर स्थापित मूर्तियों को ‘मोई’ नाम से जाना जाता हैं।ये मूर्तियाँ लगभग 100 टन वजनी और 30- 40 फीट लंबी हैं और इन मूर्तियों की सबसे खास बात यह है कि ये देखने में लगभग एक जैसी ही लगती हैं। ऐसा लगता है जैसे सभी को एक ही सांचे में ढाला गया हो।
कहा जाता है की पत्थर की ये मूर्तियाँ इतनी मजबूत हैं कि हथौड़े से ठोके जाने के बावजूद इनमें छोटी-मोटी खरोंच के अलावा इन्हें कोई खास नुकसान नहीं पहुँचता। इन मूर्तियों को लेकर एक सवाल हमेशा से बना हुआ है किआखिर जब इस आईलैंड पर किसी इंसान के रहने के कोई सबूत नहीं मिले हैं तो ये मूर्तियाँ आखिर यहाँ आईं कैसे?, और वो भी एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों।लेकिन जैसे ही मई 2012 में खोजकर्ताओं ने यहाँ खुदाई शुरू की तो ये बात सामने आई कि इन मूर्तियों का निचला हिस्सा जमीन के नीचे धँसा हुआ है, और इन मूर्तियों के आकार ने शोधकर्ताओं को हैरत में डाल दिया। यहाँ की सबसे बड़ी मूर्ति 33 फ़ीट ऊँची और 90 टन भारी है।
इस द्वीप पर एक अद्वितीय मूर्ति है, यह एकमात्र मूर्ति है जो घुटने टेकने वाली स्थिति में पाई गयी थी। इस मूर्ति का नाम तुकुतुरी है, वैज्ञानिकों का मानना है की यह मूर्ति एक प्राचीन गायक को दर्शाती है, उनकी स्थिति रापा नुई के त्योहार में एक व्यक्ति के समान होता है। इस मूर्ति का सिर काफी ऊँचा है, तुकुतुरी अन्य मूर्तियों की तुलना में अधिक मानव दिखता है। यह मूर्ति लाल पुना पुह पत्थर से बना है।
कुछ लोगों का मानना है कि सैकड़ों साल पहले एलियंस इस आइलैंड पर आए थे, और उन्होंने ही इन मूर्तियों का निर्माण किया था, लेकिन वो इन्हें बीच में ही छोड़कर चले गए। हालांकि ये सब कही-सुनी बातें हैं, जिसका कोई प्रमाण किसी के पास मौजूद नहीं है। बताया जाता है कि इन मूर्तियों को रापा नुई कहे जाने वाले लोगों ने वर्ष 1250 से लेकर 1500 के बीच बनाया था, जो ईस्टर आइलैंड पर ही रहते थे। इन्हें बनाने के पीछे की वजह ये बताई जाती है कि वो इन्हें अपने पूर्वजों की याद और सम्मान में बनाते थे, लेकिन इन मूर्तियों को बनाने के चक्कर में जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई होने लगी तो इस द्वीप पर रहना रापा नुई के लोगों के लिए मुश्किल हो गया। माना जाता है कि इसी वजह से वो इन मूर्तियों का काम अधूरा छोड़कर ही यहाँ से कहीं और चले गए।
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