Yoga for Diabetes: डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान हैं ये 5 योगासन- आज ही से शुरू करें ये काम!

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आज के युग में गलत खानपान, व रूटीन की वजह से मधुमेह या शुगर होना बूढ़ों से लेकर बच्चों तक में आम हो चुका है. ऐसे में कुछ योगा करके आप काफी हद तक इसे कंट्रोल कर सकते हैं. लेकिन इन योगासन (yoga for diabetes in hindi) को जानने से पहले चलिए हम समझते हैं की आखिर डायबिटीज क्यों होता है?

डायबिटीज/शुगर/मधुमेह क्यों होता है?

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मधुमेह के कारण: इंसान की शरीर का पेनक्रियाज जब इंसुलिन नाम के हार्मोन का उत्पादन करना कन्या बंद कर देता है इंसान के शरीर में ग्लूकोस का लेवल बढ़ने लगता है और इंसुलिन के कमी की वजह से ग्लूकोज का पाचन नहीं हो पाता है जिसे इंसान डायबिटीज का शिकार हो जाता है. और फिर ग्लूकोज को पचाने के लिए बाहरी इंसुलिन की जरूरत पड़ जाती है जिसे टेबलेट/इंजेक्शन आदि के रूप में लिया जाता है.

Yoga For Diabetes in Hindi (मधुमेह से बचाव के उपाय)

शुगर लेवल को बैलेंस रखने के लिए आजकल बहुत से महंगी दवाइयों के नुस्खे आते हैं पर कोई असर नहीं देखने को मिलता आज दुनिया की एक बड़ी आबादी इस रोग से दो-चार हो रही है ऐसे में दवा के बिना मधुमेह नियंत्रण के लिए कुछ योगासन हैं जो आपके दुखों के इस सफर में हम सफर बन सकते हैं.

धनुरासन

इस आसन में शरीर की आकृति धनुष सदृश बनाई जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले पेट के बलजमीन पर लेट जाएं और ठुड्ढी से जमीन को छुए बाहों को शरीर से सटाए। रखें सिर को ऊपर उठाएं। घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को पीठ की ओर लाएं। बाएं हाथ से बाएं पैर और दाहिने हाथ से दाएं पैर के टखने को पकड़े छाती और जांघों को यथासंभव ऊपर की ओर उठाएं जिसमें शरीर का पूरा भार पेट पर आ जाए कुछ क्षणों में शरीर को प्रारंभिक अवस्था(पूर्वावस्था) में ले जाएं। इस आसन से मेरुदंड लचीला होता है और पेट के तंत्रों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। जिससे शुगर कंट्रोल करने में काफी मदद मिलता है.

पश्चिमोत्तानासन

yoga for diabetes in hindi पश्चिमोत्तानासन

यह आसन काफी आसान है और युग में रुचि रखने वाले लगभग सभी लोग इसे करते हैं पश्चिमोत्तानासन को करने के लिए सबसे पहले एक समतल और बराबर स्थान पर बैठे हैं और अपने पैरों को आगे सामने की तरफ फैलाए अब सांस भरते हुए शरीर को आगे की तरफ झुका है और अपने दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को छूने या पकड़ने का प्रयास करें. अगर आपने पहले कभी नहीं किया है तो शुरू में आपको कुछ परेशानी हो सकती है पर धीरे-धीरे आप इसे आसानी से कर पाएंगे. अब सिर को घुटने से सटाने की कोशिश करें और कुछ समय तक इसी मुद्रा में रहें.

कपालभाति प्राणायाम

यह आसन हमारे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और साथ ही शुगर पेशेंट के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. कपालभाति प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं फिर, आंखों को बंद करते हुए शरीर को तनाव मुक्त करने की कोशिश करें और शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें. अब दोनों नाक से इतना सांस ले जिससे आपका पेट कुछ फूल जाए फिर, पेट को अंदर की ओर पिचकते हुए सांस को छोड़ें और ध्यान रखें कि सांस लेते समय आराम से बिना किसी बल के सांस अंदर लें.

मंडूकासन

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Mandukasan

मंडूकासन पेट के अंदर के अंगों के लिए मसाज की तरह काम करता है. यह पेनक्रियाज को उत्तेजित कर शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. मंडूकासन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में अपने घुटनों को मोड़ कर बैठ जाए फिर, अंगूठे को हथेली के अंदर की तरफ मोड़ कर मुट्ठी बांध ले. दोनों हाथों में मजबूती से मुट्ठी बांधकर अपने नाभिक के ऊपर रखें. अब सांस को छोड़ते हुए अपने शरीर को आगे की तरफ झुकायें और कुछ समय तक इसी मुद्रा में रहने के पश्चात सांस भरते हुए वापस वज्रासन की अवस्था में आ जाएं इस प्रक्रिया को तीन से चार बार दोहराए.

हलासन:

Halasana-anjan facts

धरती पर चित लेट जाएं हाथों को शरीर के साथ जहां तक खेलते हो दोनों और फैलाकर रखें। पैरों को कमर से 30 डिग्री तक उठाएं और ठहराए पुनः उन्हें उठाकर 60 डिग्री पर लाए और ठहराए उन्हें पुनः उठाकर 90 डिग्री तक ले जाए और उठाएं यहां तक आधा हलासन बन जाएगा।
पुनः पैरों को सिर के आगे की और उतना ले जाएं कि उनकी उंगलियां धरती को स्पर्श कर ले। यहां भी पैरों को ठहराए। पैरों को सिर से और आगे की ओर बढ़ाकर ढहराएं। अब फैले हाथों को मोड़ते हुए सिर के सटे सेट एक अंगुलीबंध बनाकर रखें। पैरों के अंगूठा को, जहाँ तक संभव हो सिर से दूर ले जाएँ। पुनः उसी क्रम में प्रारंभिक अवस्था में लौट जाएँ।

डायबिटीज के लक्षण और उपाय

डायबिटीज में शरीर में ग्लूकोज बढ़ने के के अलावा और लक्षण महसूस किये जाते हैं जैसे:

  • अधिक एवं प्यास भूख लगना
  • अधिक पेशाब आना
  • वजन बढ़ना या कम होना
  • हमेशा थका हुआ महसूस करना
  • त्वचा में खुजली होना या अन्य त्वचा संबंधी समस्याएँ होना
  • उल्टी का मन होना
  • बाहरी संक्रमण के प्रति शरीर संवेदनशील हो जाता है
  • नेत्र संबंधी समस्याएँ जैसे- धुंधला दिखना
  • मुँह का सूखना
  • अधिक पेशाब आने से शरीर निर्जलित हो जाता है जिस कारण बार-बार प्यास लगती है।
  • किसी प्रकार का घाव होने पर उसके ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। डायबिटीज में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक तरह से काम नहीं करती।
  • महिलाओं में अक्सर योनि में कैंडिड इंफेक्शन होने लगता है।
  • व्यक्ति अपने हाथ और पैरों में झनझनाहट महसूस करता है
  • और हाथ-पैरों में दर्द एवं जलन हो सकती है।

डायबिटीज किस उम्र में होता है?

डायबिटीज होने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि यह बूढ़े लोगों में ज्यादा होती है, या वे लोग जिनका शरीर काफी ज्यादा फैटी यानी मोटा होता है. हालांकि डायबिटीज बच्चों में भी देखी जाती है.

डायबिटीज और शुगर में क्या अंतर है?

डायबिटीज और शुगर में कोई अंतर नहीं होता डायबिटीज एक बीमारी है जिसे शुगर और मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है. या बीमारी अनुवांशिक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है.

डायबिटीज में क्या खाना चाहिए?

क्योंकि डायबिटीज में हमारे शरीर में ग्लूकोज का पाचन सही से नहीं हो पाता है इसलिए डायबिटीज में कम ग्लूकोस वाले या शुगर फ्री खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए. जंक फूड, ज्यादा मसालेदार भोजन, और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए. आप फल में – बेरीज, सेब. सब्जियां में- पालक, ब्रोकली, बीन्स, चना राजमा, आदि का सेवन कर सकते हैं।

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