Chiti ke katne par kya kre: दोस्तों चींटी के काटने पर होने वाले भयंकर जलन सूजन या दर्द को कम करने के लिए आप तुलसी, नारियल तेल, सेंधा नमक का लेप, टूथपेस्ट, शहद तथा बर्फ की सिकाई आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.
दोस्तों चींटी भले ही दिखने में छोटी होती है लेकिन, जब हमें उसके गुस्से का सजा मिलता है तब, हमें वह असहनीय दर्द होता है जिसे हम बयां नहीं कर सकते. या यूं कहें कि हमारी नानी याद आ जाती है. तो आइये फटाफट जानते हैं चींटी के काटने पर क्या करें या चीटी के जलन को शांत करने के घरेलू उपायों के बारे में जो कि अधिकतर आपके घर में ही मिल जाएंगे और उनके उपयोग से आप दर्द को काफी हद तक कम या दूर कर पाएंगे.

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Natural Remedies For Ant Bits: चिंटी के काटने पर घरेलु उपाय
दोस्तों चीटीयों के काटने से शरीर में सूजन व लाल धब्बे हो जाते हैं और खुजली भी होता है लाल चींटी अगर काट ले तो दर्द 1 घंटे से ज्यादा समय तक भी रह सकता है. चींटी के डंक में एक प्रकार का अम्ल होता है जिसे फार्मिक अम्ल कहते हैं, यह एक कार्बनिक यौगिक होता है जो चींटियों के साथ साथ मधुमक्खी, बिच्छु तथा बर्रों जैसे जीवों के डंक में पाया जाता है., जब चींटी हमें काटती है तो वह अपने डंक के सहारे इस अम्ल को हमारे शरीर में प्रवेश करा देती है. शुरू में तो हमें कुछ महसूस नहीं होता लेकिन कुछ पल बाद जब रिएक्शन शुरू होता है तो, हमें बहुत तेज जलन का एहसास होता है. इस रिएक्शन को मेडिकल साइंस में ‘एनाफायलैक्सिस’ कहा जाता है. इस प्रक्रिया में काफी भयंकर सूजन व दर्द होता है. दोस्तों चीटीयों के काटने से शरीर में सूजन व लाल धब्बे हो जाते हैं. और खुजली भी होता है. लाल चींटी अगर काट ले तो दर्द 1 घंटे से ज्यादा समय तक भी रह सकता है.

चिंटी के काटने पर क्या करें (chiti ke katne pr kya kre)
1. तुलसी (Basil)
दोस्तों मच्छर मधुमक्खियां या चींटी जैसे कीड़ों के काटने पर होने वाले भयंकर जलन सूजन या दर्द को कम करने के लिए आप तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं या आपको तुरंत राहत दे सकता है इसके लिए कुछ ताजी तुलसी के पत्तों को ले और अपने अपने हथेलियों की मदद से उसे मसले और उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाए कुछ देर तक छोड़ दें.

2. नारियल तेल(Coconut Oil)
इसमें कोई शक नहीं कि नारियल तेल बहुत सारी लाभकारी गुणों से भरपूर है. इसके गुणों व लाभों से तो हम परिचित हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, चींटी के काटने के तुरंत बाद नारियल तेल लगाने से तत्काल सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है नारियल तेल प्रभावित स्थान पर लगाने से ठंडक पहुंचाता है थोड़ी देर करने पर जलन वाले जगह पर तुरंत राहत मिलता है.
3.सेंधा नमक का लेप (Rock Salt)
सेंधा नमक और सोआ को चटनी के रूप में बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं, यह दर्द दूर करने में काफी कारगर है, अगर ज्यादा सूजन है तो गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर प्रभावित स्थान पर सेंके इसे जल्द ही सूजन कम हो जाएगा. या कांधे में अगर सूजन है तो आप घरेलू नमक को पहले तवे पर गर्म करले फिर उसे सूती कपड़े में भरकर प्रभावित स्थान पर धीरे सेंके.
4. टूथपेस्ट (Toothpaste)
वैसे तो हम अपने दांतो को साफ करने के लिए करते हैं लेकिन चुकी हम भारतवासी जुगाड़ लाल होते हैं इसलिए कभी-कभी हम इसे छोटे-मोटे आग के जलन से आराम पाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं . लेकिन दोस्तों आप इसे चींटी मधुमक्खी या ततैया के काटने पर प्रभावित स्थान पर राहत पाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

5. शहद (Honey)
भारतीय आहार में तो हम शहद का इस्तेमाल कई रूपों में करते हैं लेकिन आप इसका इस्तेमाल चींटी के काटने वाले जगह पर भी कर सकते हैं दरअसल शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है चीटी द्वारा काटे जाने वाले जगह पर इंफेक्शन के खतरे को रोकता है इसके अलावा शहर में मौजूद एंजाइम जहर को काटने मे साथ ही इसके उपयोग से या लगाने से जलन व खुजली में भी राहत मिलता है.
6. बर्फ की सिकाई (Use Icepack)
दोस्तों अपने भारत के गांव वाले क्षेत्रों में अक्सर लोगों को अंदरूनी चोट और सूजन में बर्फ की सिकाई करते देखा होगा भारत के कई घरों व क्षेत्रों में अपनाया जाने वाला एक बेहद लोकप्रिय और खास नुस्खा है. यही नुस्खा आप अपने प्रभावित स्थान पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं या पूरी तरह काम करेगा ही करेगा क्योंकि हम जानते हैं कि जब चींटी मधुमक्खी या कोई कीड़ा काटता है तो प्रभावित स्थान पर सूजन और लाल धब्बा उभरने लगता है ऐसी स्थिति में आप कुछ बर्फ के टुकड़ों को तौलिए या सूती कपड़े में रखकर प्रभावित स्थान पर 10 से 20 मिनट तक सिकाई करें इससे वाहिकाएं सिकुड़ जाती है और कुछ देर के बाद जलन व सूजन अपने आप शांत हो जाता है.
7. एलोवेरा (Aloe vera)
दोस्तों एलोवेरा एक ऐसा नुस्खा बन चुका है जिसका इस्तेमाल आज लगभग हर घर में होने लगा है और इससे हर कोई परिचित है, इसका उपयोग खाने, शरीर पर लगाने, और कई तरह की दवाइयों को बनाने में होता है, यह तो हम जानते हैं लेकिन इसका इस्तेमाल चींटी मधुमक्खी आदि के काटने पर होने वाले जलन को शांत करने के लिए भी होता है, इसके लिए आपको एक एलोवेरा लेना है अपने हिसाब से और उसके जेली को किसी बर्तन में निकाल कर प्रभावित स्थान पर लगाना है इसे आपको तुरंत राहत मिल पाएगा
चींटी के काटने से क्या होता है?
वैसे तो चींटी के काटने से हमें कुछ भरी नुकसान नहीं होता लेकिन कुछ समय के लिए काफी दर्द और शरीर में सूजन व लाल धब्बे हो जाते हैं और खुजली भी होता है.
चींटी के काटने पर कौन सा एसिड छोड़ा जाता है.
चींटी के डंक में एक प्रकार का अम्ल होता है जिसे फार्मिक अम्ल कहते हैं, यह एक कार्बनिक यौगिक होता है जो चींटियों के साथ साथ मधुमक्खी, बिच्छु तथा बर्रों जैसे जीवों के डंक में पाया जाता है.
चींटी के काटने से जलन क्यों होती है
जब चींटी हमें काटती है तो वह अपने डंक के सहारे इस फार्मिक अम्ल को हमारे शरीर में प्रवेश करा देती है. शुरू में तो हमें कुछ महसूस नहीं होता लेकिन कुछ पल बाद जब रिएक्शन शुरू होता है तो, हमें बहुत तेज जलन का एहसास होता है. इस रिएक्शन को मेडिकल साइंस में ‘एनाफायलैक्सिस’ कहा जाता है. इस प्रक्रिया में काफी भयंकर सूजन, जलन व दर्द होता है.
‘एनाफायलैक्सिस’ किसे कहा जाता है?
चींटी के काटने पर शारीर में होने वाले रिएक्शन को मेडिकल साइंस में ‘एनाफायलैक्सिस’ कहा जाता है. इस प्रक्रिया में काफी भयंकर सूजन, जलन व दर्द होता है.
चींटी के काटने पर उपचार कौन सा क्षार द्वारा किया जाता है?
चींटी के काटने पर कई तरह के उपचार हैं जो आपको इसके दर्द से रहत दे सकतें हैं जैसे तुलसी, सेंधा नमक, एलोवेरा, टूथपेस्ट आदि. हमने इस पोस्ट में सिर्फ उन्ही नुस्खों के बारे में बताया है जो काफी ज्यादा कारगर हैं और इनके कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं हैं साथ ही ये आपके घर में आसानी से मिल भी जायेंगे.
तो फाइनली दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको चिंटी के काटने पर क्या करें (chiti ke katne pr kya kre), चिंटी के डंक के घरेलू उपाय ( Natural Remedies For Ant Bits ) के बारे में ये जानकरी अच्छी लगी होगी. इस आर्टिकल या लेख के सफर में आपने जितने भी उपायों या तथ्यों को पड़ा है, वे सभी विज्ञान पर और बुजुर्गों की सलाह पर आधारित है, साथ ही इनके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है इसलिए आप बिना किसी डर के इन्हें अपनाकर जल्द से जल्द प्रभावकारी रिजल्ट पा सकते हैं.
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