Mirch Tikha kyon hota hai: जानिए मिर्च के तीखेपन का मजेदार राज़ व वैज्ञानिक कारण: मिर्ची खाते ही मुंह में जलन क्यों होती है?, शांत करने के चमत्कारी उपाय तीखेपन मापने का पैमाना-मिर्चा तीखी क्यों होती है?- मिर्च के तीखेपन को मापने का पैमाना, आखिर पानी मिर्च के जलन को शांत क्यों नहीं करती?, आखिर मिर्च कैसे बनते हैं तीखे?, मिर्च के कसैलेपन का कारण, मिर्च का रंग लाल किस कारण से होता है?, कुछ मिर्च कम तीखे और कुछ बहुत ज्यादा तीखे क्यों होता है.

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जानिए मिर्च के तीखेपन का राज़- Mirch Tikha kyon hota hai:
हेल्दी दोस्तों! आज हम बात करेंगे उस खास चीज़ की, जिसके बिना भोजन अधूरा सा लगता है – हां, वो है “मिर्च”। मिर्च हमारे खाने के स्वाद को तेज़ी से बढ़ा देती है, लेकिन हमारे मुँह में जाने के बाद जो वह जलवा दिखता है उसका एक प्यारा सा वैज्ञानिक कारण है जिसे जानकर आपको मजा आ जायेगा तो चलिए, देखते हैं, क्यों मिर्च तीखी होती है और इसके बारे में कुछ और रोचक बातें।
मिर्च का इतिहास: सफर एक देश से दूसरे तक
दोस्तों मिर्च का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मिर्च मूल रूप से मध्य अमेरिका में पाई जाती थी। फिर, 15वीं शताब्दी में, क्रिस्टोफर कोलंबस ने मिर्च को यूरोप में पेश किया और वहां इसकी स्वाद बढ़ने के जलवों के कारण इसकी भरी मात्र में मांग बढ़ गई। फिर इसके बाद यह जल्द ही पूरी दुनिया में मशहूर हो गई और आज विभिन्न प्रकार की मिर्च उगाई जाती है।

मिर्च के तीखेपन का वैज्ञानिक कारण: कैप्साइसिन ( why chili is spicy )
मिर्चा तीखी क्यों होती है: दोस्तों मिर्च के तीखेपन का राज़ है “कैप्साइसिन”। कैप्साइसिन एक यौगिक होती है, जो मिर्च में पाई जाती है। यह यौगिक हमारे जीभ के स्वाद के रिसेप्टर्स यानि स्वाद कलिकाओं को उत्तेजित करती है, जिससे हमें जलन का अहसास होता है। कैप्साइसिन एक वसा में घुलनशील होती है, इसलिए इसे पानी से आसानी से धो नहीं सकते।
मिर्च खाने पर जलन क्यों होती है? ( Why chilli is hot? )
- जब हम मिर्च खाते हैं तो, कैप्सिसिन जीभ पर पाई जाने वाली नसों पर असर करता है। जिससे जलन और गर्मी महसूस होती है।
- कैप्सिसिन खून में substance’p’ नामक केमिकल रिलीज करता है, जो दिमाग को जलन और गर्मी का सिग्नल देता है।
- कैप्सिसिन हालांकि तेज जलन पैदा करता है। लेकिन ये ज्यादा डोज लेने पर भी स्थाई रूप से उत्तकों को नष्ट नहीं करता।
- इसे पानी से नहीं धो सकते क्योंकि यह पानी में नहीं घुलता, यह सिर्फ वसा में घुलनशील होता है।
मिर्च के तीखेपन का कारण: अन्य यौगिक
कैप्साइसिन के अलावा, मिर्च में और भी यौगिक होते हैं जो कसैलेपन का कारण बन सकते हैं। इनमें से कुछ हैं पिपेरीन और पीपरिन हैं।
मिर्च के तीखेपन का स्तर: आनुवंशिक
दोस्तों एक बड़ी राज़ ये है कि मिर्च के तीखेपन का स्तर आनुवंशिक रूप से भी निर्धारित होता है। कुछ मिर्च की प्रजातियां स्वाभाविक रूप से अधिक तीखी होती हैं, जबकि अन्य प्रजातियों की मिर्च कम तीखी होती हैं।
मिर्च के तीखेपन को मापने का पैमाना ( scale for measuring the spiciness of chilies ): SHU
- दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी मिर्च के तीखेपन को “स्कोवील हीट यूनिट (SHU)” में मापा जाता है ये तीखेपन मापने की इकाई है।
- विलबर स्काविले में 1912 में ह्यूमन टेस्टीका पैनल के जरिए मिर्च का तीखापन मापने की यूनिट इजाद की थी
- इसे मापने का तरीका अब बदल गया है, ह्यूमन पैनल की जगह अब HPLC (High Pressure Liquid Chromatography) मशीन से मिर्च का तीखापन मापा जाता है।
मिर्च का तीखापन कैसे कम करें?
दोस्तों मिर्च के तीखेपन को कम करना एक आम सवाल है, और यह खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्हें तीखे व्यंजनों का स्वाद पसंद नहीं होता। हम यहां कुछ आसन और प्रभावी तरीके बता रहे हैं जो आपको मिर्च के तीखेपन को कम करने में मदद करेंगे और आप बिना किसी परेशानी के स्वादिष्ट भोजन का मज़ा उठा सकेंगे।- Mirch Tikha kyon hota hai?
1. खट्टे पदार्थों का उपयोग:
मिर्च के तीखेपन को कम करने का सबसे आसन व सरल तरीका है खट्टे पदार्थों का इस्तेमाल करना। नींबू का रस, सिरका, दही, या टमाटर जैसे खट्टे पदार्थ मिर्च के तीखेपन को कम करने में मदद करते हैं। आप इन्हें व्यंजन में मिला सकते हैं और तीखेपन को कम सकते हैं।
2. मीठे पदार्थों का इस्तेमाल:
मिर्च के तीखेपन को कम करने के लिए आप मीठे पदार्थों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। शक्कर, गुड़, या शहद का उपयोग करके आप तीखेपन को कम कर सकते हैं और अपने व्यंजन को स्वादिष्ट बना सकते हैं।
3. दूध और दही का प्रयोग:
अगर आप किसी ग्रेवी वाली सब्जी में मिर्च के तीखेपन को कम करना चाहते हैं, तो आप उसमें थोड़ा दूध या दही मिला सकते हैं। इससे आपके व्यंजन का स्वाद मिलेगा और तीखेपन कम हो जायेगा।
4. बेसन का उपयोग:
दोस्तों सूखी सब्जी में तीखेपन को कम करने के लिए आप उसमें थोड़ा बेसन भूनकर मिला सकते हैं। इससे तीखेपन कम होगा और आपका व्यंजन स्वादिष्ट रहेगा।
5. अंधा या अत्यधिक तीखेपन से बचें:
तीखेपन को कम करने के लिए ध्यान दें कि आप अंधा या अत्यधिक तीखेपन से बचें। आपके द्वारा मिलाए जाने वाले पदार्थों का स्वाद भी व्यंजन के स्वाद के साथ अच्छी तरह से मेल रखना चाहिए। जैसे नमकीन सब्जी है और उसके तीखेपन को कम करने के लिए आप चीनी मिला दें तो ये किसी काम का नहीं रह जायेगा या यूँ कहें की बेवकूफी होगी.
इन तरीकों का पालन करके आप मिर्च के तीखेपन को कम कर सकते हैं और आपके व्यंजन का स्वाद बना सकते हैं।
दुनिया की सबसे तीखी मिर्च कौन सी है? | Which is the hottest chili in the world?
दोस्तों कैरेलीना रीपर फिलहाल दुनिया का सबसे तीखा मिर्च है इसमें 15-22 लाख स्काविले हीट यूनिट (SHU) होती है। इससे पहले भारत की भूत जालोकिया नामक मिर्च को 2011 तक दुनिया की सबसे तीखी मिर्च मानी जाती थी अब यह तीखेपन में 7 वे नंबर पे है.
आखिर पानी मिर्च के जलन को शांत क्यों नहीं करती? ( Pani Mirch Ke Jalan Ko Shant Kyon Nahi Karti?)
दोस्तों अक्सर लोग मिर्च के जलन को शांत करने के लिए ठंडा पानी पीते है लेकिन यह हमें उतनी ही समय के लिए राहत देता है, जितनी देर हम पानी पीते हैं या जितनी देर पानी हमारे मुंह में रहता है. तो ऐसे में यह सवाल उठता है की, आखिर पानी मिर्च के जलन को शांत क्यों नहीं करती?
तो इसका जवाब है की मिर्च में जो कैप्सिसिन होता है। वह जल में घुलनशील नहीं होता है। पानी कैप्साइसिन को धो नहीं सकता है। कैप्साइसिन वसा में घुलनशील होता है। जिसके कारण उस पर पानी का कोई असर नहीं होता और हमारी जलन बरकरार रहती है।
मिर्च के जलन को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए? ( mirch ke jalan ko shant karne ke liye kya karna chahiye?)
दोस्तों जैसा की हमने देखा की पानी कैप्साइसिन को धो नहीं सकता है। क्योंकि कैप्साइसिन सिर्फ वसा में घुलनशील होता है, इसलिए मिर्च के जलन को शांत करने के लिए आप दूध, दही या शक्कर का इस्तेमाल कर सकतें है। इससे तुरंत ही आपके मुंह की जलन आराम हो जाएंगे। अब आइये दोस्तों जानते हैं
आखिर मिर्च कैसे बनते हैं तीखे? ( Mirch tikha kyon hota hai )
तो आपको जानकारी के लिए बता दें की, जीव वैज्ञानिक पत्रिका Biological Science के अनुसार मिर्च का तीखा होने का मुख्य कारण मिर्च के पौधे का जल के संपर्क में आने से है।
मिर्च का हरा रंग किसके कारण होता है
मिर्ची के अन्दर शुरुआत में क्लोरोफिल नामक पिगमेंट होता है, जिसके कारण वह पहले हरा रंग का होता है। जब तक की वह अपनी परिपक्वन काल में न आ जाये.
मिर्च के कसैलेपन का कारण (Cause of astringency of chili)
वैज्ञानिकों का मानना है की, इसके कैसेलेपन के पीछे कैपसापिनोइड पदार्थ है, जो मिर्च को फंफुद से बचाने का कार्य करता है।
मिर्च का रंग लाल किस कारण से होता है? ( mirch ka rang lal kyon hota hai? )
हरी मिर्ची में क्लोरोफिल नामक पिगमेंट होता है। लेकिन हरी मिर्ची जब अपनी परिपक्वन काल में आती है। या उसे पौधे से अलग कर दिया जाता है। तो उस स्थिति में मिर्च को प्राप्त होने वाला क्लोरोफिल पिगमेंट बंद हो जाता है। और मिर्ची कैरोटीनाइट पिगमेंट पैदा करने लगती है जिसके कारण मिर्च अपने हरे रंग को लाल रंग में बदलने लगती है
कुछ मिर्च कम तीखे और कुछ बहुत ज्यादा तीखे क्यों होता है? Why are some chilies less spicy and some more spicy?
पेरिस के इडियाना यूनिवर्सिटी के डेविड हॉक के नेतृत्व में शोध करने वाले दल ने बोलिविया जाकर मिर्च के पौधों में कैपसापिनोईड की जाँच की, उन्होंने पाया कि पेरिस के उत्तरी क्षेत्र में मात्र 15 से 20% मिर्च में ही यह तीखा पदार्थ मौजूद था, जिसके कारण मिर्च काफी ज्यादा तीखी थी।
👉और निष्कर्ष निकाला गया कि “मिर्च का तीखापन फंफुद से बचने के लिए इस तत्व के विकास से पनपता है।” इसके अलावा इसमें आनुवंशिक रूप से निर्धारित होने का भी एक योगदान होता है।
हरी मिर्च में कौन सा एसिड पाया जाता है?
हरी मिर्च में कुछ खास एसिड्स होते हैं! सबसे पहला है एस्कोर्बिक एसिड, जिसे हम विटामिन सी के नाम से भी जानते हैं। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
फिर आता है फोलिक एसिड, यह भी हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण होता है।
साथ ही, हरी मिर्च में सिट्रिक एसिड, ग्लिसरिक एसिड, और मैलिक एसिड भी होते हैं, जो खास फ्लेवर और स्वाद को बढ़ावा देते हैं।
इन सभी एसिड्स के साथ, हरी मिर्च एक स्वादिष्ट और स्वस्थ खाने का हिस्सा बनती है, तो जब भी आप हरी मिर्च खाते हैं, तो आप न केवल ताजगी का आनंद उठाते हैं, बल्कि अपने शरीर के लिए भी अच्छा कर्म करते हैं! 😊
चिली खाने का मजा: टिप्स और ट्रिक्स
मिर्च एक स्वादिष्ट और बहुमुखी सब्जी है, और आप इसे अपने खाने का हिस्सा बना सकते हैं। अगर आप मिर्च के तीखेपन को कम करना चाहते हैं, तो दूध, दही, पनीर, या क्रीम का उपयोग कर सकते हैं। वहीं, अगर आप और तीखा चाहते हैं, तो मिर्च पाउडर, चिली फ्लेक्स, या चिली सॉस का भी आनंद उठा सकते हैं।
इस तरह, मिर्च के तीखेपन (Mirch Tikha kyon hota hai?) के पीछे के राज़ को समझने के बाद, आप अपने खाने का मजा अधिक उच्च तीखेपन या कम तीखेपन के साथ ले सकते हैं।
तो दोस्तों, यह था मिर्च के तीखेपन के बारे में एक मस्तीभरी जानकारी। अब जब आप मिर्ची खाएंगे, तो आपको इसके पीछे के विज्ञान का भी आनंद आएगा। अगर आपको और जानकारी चाहिए, तो हमें बताएं। स्वास्थ्य रहे, और मिर्च का आनंद लें! 😊🌶️
दोस्तों उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी आपको पसंद आई होगी! और Mirch Tikha kyon hota hai? से जुड़ी हुई सभी जानकारियां मिल गई होगी लेकिन अगर आपके मन में फिर भी कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें नीचे कमेंट में बता सकते हैं। साथ ही इस लेख के द्वारा हमारा यह प्रयास आपको कैसा लगा यह भी आप नीचे हमें कमेंट में जरूर बताएं!
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"आपको उल्फत जहाँ के बारे में बताते हुए मैं खुश हूं। वह एक खुशमिजाज़, Inspiring और दिलचस्प लेखिका है जो करियर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोचक तथ्यों जैसे कई विषयों पर अपना ज्ञान शेयर करती हैं। उल्फत को मुश्किल अवधारणाओं को सरल बनाने की खास क्षमता है जिसके फलस्वरूप उनके लेख और ब्लॉग पोस्ट हर कोई आसानी से समझ सकता है। उनका लक्ष्य पाठकों को प्रेरित करना है जिससे वे अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें। उल्फत के दीये गए मूल्यवान ज्ञान से आपके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। अगर आप एक्सपर्ट गाइडेंस की तलाश में हैं तो उल्फत को फॉलो करें और हर दिन कुछ नया सीखें।"
"उल्फत जहाँ के पास 2 साल का अनुभव है और उन्होंने करियर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और वेलनेस जैसे कई मुद्दों पर लिखा है। उनका विस्तृत पोर्टफोलियो उनकी विशेषज्ञता को दर्शाता है.